काठमांडू ,20 नवंबर। नेपाल में जेन-जेड आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है और इसका केंद्र बिंदु बना है बारा जिला, जहां रविवार को सेमरा एयरपोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शनों ने जोर पकड़ लिया। प्रदर्शनकारियों का रोष रूरु नेता महेश बस्नेत के खिलाफ है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पहले हुए त्रद्गठ्ठर्-ं आंदोलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के पक्ष में खड़े होकर युवाओं की मांगों को कमजोर किया था। इसी मुद्दे को लेकर क्षेत्र में पहले से तनाव बना हुआ था।
जानकारी के अनुसार, रूरु नेता शंकर पौडेल और महेश बस्नेत रविवार को एक राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बारा पहुंचने वाले थे, लेकिन उनके आने की सूचना मिलते ही त्रद्गठ्ठर्-ं समर्थक विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए और सेमरा एयरपोर्ट पर घेराव शुरू कर दिया। कुछ ही देर में भीड़ बढ़ती चली गई और हालात तनावपूर्ण हो गए, जिसके बाद एयरपोर्ट परिसर में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ानी पड़ी।
स्थिति पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने तत्काल कर्फ्यू लागू करने का आदेश जारी किया। यह कर्फ्यू दोपहर 12:30 बजे से रात 8 बजे तक सेमरा एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में प्रभावी रहेगा। डीएम मिश्र ने बताया कि बढ़ते प्रदर्शन और संभावित हिंसा को देखते हुए यह निर्णय लेना आवश्यक हो गया था।
कर्फ्यू लगने के बाद प्रशासन ने सेमरा एयरपोर्ट की सभी उड़ानें रद्द कर दीं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि जनता की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था।
त्रद्गठ्ठर्-ं आंदोलन बीते कई महीनों से नेपाल की राजनीतिक हलचल का बड़ा कारण बना हुआ है। युवा पारदर्शी शासन, रोजगार के अवसर और व्यापक सुधारों की मांग कर रहे हैं। महेश बस्नेत द्वारा पूर्व आंदोलन के समय सत्ता पक्ष का समर्थन किए जाने से युवाओं में असंतोष और बढ़ गया है।
फिलहाल प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। कर्फ्यू के दौरान किसी भी तरह की भीड़, रैली या सामूहिक गतिविधि पर रोक जारी रहेगी। यदि परिस्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो कर्फ्यू की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
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